भारत सरकार ने मोटर व्हीकल एग्रीगेटर गाइडलाइंस, 2025 जारी की हैं, जिससे ऐप-आधारित टैक्सी सेवाओं (ओला, ऊबर, रैपिडो, ब्लूस्मार्ट, इनड्राइव आदि) के लिए ज़रूरी स्पष्टता आई है। ये नियम यात्री सुरक्षा, ड्राइवर कल्याण और किराया पारदर्शिता में संतुलन रखते हैं और साथ ही हरित मोबिलिटी को भी बढ़ावा देते हैं।
अगर आप एक यात्री हैं, ड्राइवर हैं, या फिर एग्रीगेटर कंपनी से जुड़े हैं, तो यहाँ आपके लिए आसान भाषा में नियमों का सार दिया गया है।
📌 मोटर व्हीकल एग्रीगेटर गाइडलाइंस 2025
1. केंद्रीय लाइसेंसिंग पोर्टल
अब एक राष्ट्रीय सिंगल-विंडो प्लेटफॉर्म पर ही लाइसेंस आवेदन, सुरक्षा जमा और अनुमोदन होंगे।
2. लाइसेंस की वैधता
- हर लाइसेंस 5 साल के लिए मान्य होगा।
- प्रदर्शन समीक्षा के बाद नवीनीकरण किया जाएगा।
- नवीनीकरण शुल्क: ₹25,000
3. बेड़े (Fleet) का आकार
- दोपहिया: न्यूनतम 50 गाड़ियाँ
- चारपहिया: न्यूनतम 100 गाड़ियाँ
4. ड्राइवर अनुपालन
- 40 घंटे का प्रशिक्षण (ट्रैफिक नियम, ऐप का उपयोग, प्राथमिक चिकित्सा, जेंडर/विकलांगता संवेदनशीलता)
- अनिवार्य पहचान सत्यापन, PSV बैज, मेडिकल फिटनेस और पुलिस सत्यापन
5. यात्री और ड्राइवर सुरक्षा
- प्रति सवारी न्यूनतम ₹5 लाख का यात्री बीमा
- ड्राइवर स्वास्थ्य और दुर्घटना बीमा
- AIS-140 मानक के अनुरूप GPS ट्रैकिंग
- ऐप्स में इमरजेंसी डिस्टरेस बटन
6. किराया नियमन
- न्यूनतम किराया 3 किमी तक का बेस फेयर कवर करेगा
- सर्ज/डायनेमिक प्राइसिंग अधिकतम 2 गुना तक
- ड्राइवर को कुल किराए का कम से कम 60% मिलना ज़रूरी
7. शिकायत निवारण
- हर एग्रीगेटर को ग्रिवेंस ऑफिसर नियुक्त करना होगा
- शिकायतों का निपटारा 3 कार्य दिवस में करना अनिवार्य
8. डेटा और साइबर सुरक्षा
- डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट, 2023 का पालन अनिवार्य
- CERT-In से साइबर सुरक्षा प्रमाणन अनिवार्य
9. हरित पहल
- बेड़े में इलेक्ट्रिक वाहन और पर्यावरण-हितैषी विकल्प जोड़ने को प्रोत्साहन
🏙️ राज्य-स्तरीय नियम
🚦 चंडीगढ़ मोटर व्हीकल एग्रीगेटर नियम 2025
- केवल KYC सत्यापित यात्रियों को ही पूलिंग की अनुमति
- महिला यात्री केवल महिला यात्रियों के साथ ही पूल कर सकती हैं
- GPS, आपातकालीन अलर्ट और रूट पालन अनिवार्य
- किराया नियम: ड्राइवर को न्यूनतम 80% हिस्सा मिलेगा
🚦 मुंबई (महाराष्ट्र) बाइक-टैक्सी नियम 2025
- केवल पंजीकृत बाइक-टैक्सी ऑपरेटरों को अनुमति
- बेड़े में न्यूनतम 50 ई-बाइक अनिवार्य
- ड्राइवर: आयु 20–50 वर्ष, PSV बैज और पुलिस सत्यापन आवश्यक
- प्रति सवारी ₹2 लाख तक का यात्री दुर्घटना बीमा
- किराया नियमन और आपातकालीन हेल्पलाइन लागू
📊 केंद्र बनाम राज्य नियम (त्वरित तुलना)
फीचर | केंद्रीय गाइडलाइंस 2025 | राज्य नियम (उदाहरण) |
---|---|---|
लाइसेंसिंग | राष्ट्रीय सिंगल-विंडो पोर्टल | राज्य-विशिष्ट स्वीकृति (चंडीगढ़, मुंबई) |
बेड़े का आकार | 50 (2W), 100 (4W) | महाराष्ट्र: 50 ई-बाइक टैक्सी |
ड्राइवर आय | ≥ 60% किराया | चंडीगढ़: ≥ 80% किराया |
सुरक्षा | GPS, प्रशिक्षण, डिस्टरेस बटन, बीमा | महिला-केवल पूलिंग (चंडीगढ़), हेल्पलाइन (मुंबई) |
ग्रीन पुश | EV अपनाने को प्रोत्साहन | महाराष्ट्र में ई-बाइक टैक्सी अनिवार्य |
✅ इन नियमों का महत्व
- यात्रियों के लिए → सुरक्षित सवारी, पारदर्शी किराया, बीमा सुरक्षा
- ड्राइवरों के लिए → न्यूनतम आय हिस्सेदारी, बीमा लाभ, गैर-एक्सक्लूसिव काम
- एग्रीगेटर कंपनियों के लिए → स्पष्ट लाइसेंस प्रक्रिया, समान मानक
- सरकार के लिए → बेहतर नियमन, डेटा सुरक्षा, हरित मोबिलिटी को बढ़ावा
📍 निष्कर्ष
मोटर व्हीकल एग्रीगेटर गाइडलाइंस 2025 भारत की तेजी से बढ़ती कैब/टैक्सी इंडस्ट्री को व्यवस्थित करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। सुरक्षा, जवाबदेही और स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करते हुए ये नियम यात्रियों का विश्वास और ड्राइवर कल्याण सुनिश्चित करेंगे, साथ ही एग्रीगेटर कंपनियों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को भी बढ़ावा देंगे।
👉 आपका क्या मानना है? क्या ये नियम सचमुच सवारी को सुरक्षित और ड्राइवरों को खुशहाल बनाएंगे, या फिर इससे यात्रियों की लागत बढ़ेगी? अपने विचार कमेंट में साझा करें।
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